मेरे लिए खुदा सा है।
उनके आने से महक उठती हैं फिजाएं।
उनको देख कर घटाएं खूब बरसती हैं।
उनकी आंखों से खिलती है कुमुदनी
जो आंखें मूंद लें तो शाम ढलती है।
मेरे ख्यालों की दुनिया का मौसम,
उनके रहमो करम से बदलता...
उनको देख कर घटाएं खूब बरसती हैं।
उनकी आंखों से खिलती है कुमुदनी
जो आंखें मूंद लें तो शाम ढलती है।
मेरे ख्यालों की दुनिया का मौसम,
उनके रहमो करम से बदलता...