...

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मेरा आत्मसम्मान तुमसे ऊपर हैं
तुम मेरे लिए बहुत ज़रूरी हो।
मेरी जिंदगी मैं घटने वाला महत्वपूर्ण किस्सा हो तुम।
तुम्हें याद करना आदत है , मेरी
तुम्हारा प्यार मुझे मज़बूती प्रदान करता है।
मेरी वीरान सी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा तुम।
तुम्हें हर बार मनाने का हक है मुझे।
जब जब तुम मेरे अहम् पर वार करोंगे तब तब तुम्हारे आगे सर झुका दूंगी मैं।
जब जब तुम मेरी गलतियां गिनावोगे तब तब मान जाऊंगी मैं ।
पर जब बात मेरे आत्मा सम्मान की होगी तुम्हें ठुकराने से नहीं कतराऊंगी मैं ।
तुम मेरे अहम् से ऊपर हो ।
पर तुम मेरे आत्मा सम्मान से नीचे ही रहोगे।
तुम्हारे प्यार में सर झुकाया है मैंने।
अपने अहम् और घमंड मैं सर झुका दूंगी मैं
पर जब बात मेरे आत्म सम्मान की होगी तो तुम हार जाओगे ।
मेरे पास सिर्फ आत्मा सम्मान ही है ।
अगर मैंने मेरा आत्मा सम्मान भी खो दिया तो फिर उठ नहीं पाऊंगी मैं।

© Neha Chawda writes