हाँ बिकते हैं....
हाँ बिकते हैं आँसू, हाँ बिकते हैं अरमाँ
के रिश्ते मगर सब अलग दाम के हैं,
हैं सस्ते भी और थोड़े महँगे भी हैं कुछ
हैं ऐसे भी कुछ जो, बस एक जाम के हैं।
हाँ बिकते हैं....
जो सस्ते हैं रिश्ते, वो पल भर टिकेंगे,
गरीबों की बस्ती में पहले बिकेंगे।
खरीदोगे क्या तुम?
बड़े काम के हैं।
हाँ...
के रिश्ते मगर सब अलग दाम के हैं,
हैं सस्ते भी और थोड़े महँगे भी हैं कुछ
हैं ऐसे भी कुछ जो, बस एक जाम के हैं।
हाँ बिकते हैं....
जो सस्ते हैं रिश्ते, वो पल भर टिकेंगे,
गरीबों की बस्ती में पहले बिकेंगे।
खरीदोगे क्या तुम?
बड़े काम के हैं।
हाँ...