...

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manjil🙂🙂
मंजिल ...

पहर दिन सप्ताह महीने साल;
मत देखों मंजिल की चाह में;

ये देखों कि कितना चले हो;
और उसमें भी कितना भटके हो राह में;

यदि यह भटकाव कुछ कम हो जाए;
और तेजी ला दो चाल में;

तो बहुत मुमकिन है कि कामयाबी;
हांसिल हो जाए नए साल में।
मंजिल ...

पहर दिन सप्ताह महीने साल;
मत देखों मंजिल की चाह में;

ये देखों कि कितना चले हो;
और उसमें भी कितना भटके हो राह में;

यदि यह भटकाव कुछ कम हो जाए;
और तेजी ला दो चाल में;

तो बहुत मुमकिन है कि कामयाबी;
हांसिल हो जाए नए साल में।