...

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हे दुष्शासनों सुनो मेरी
हे दुष्शासनों सुनो मेरी,
भीम भी यहां.. अभी ज़िंदा है
वक्ष फाड़ कर रक्तरंजित...उस दुष्साशन का
रक्त जिसका स्वयं ही शर्मिंदा है
हे दुष्शासनों सुनो मेरी....
और केश धुलेगा फ़िर रक्त से...