...

4 views

उफ मेरा चांद
चांद को हथेली पर रख
उसे अपना बना लिया है
उसकी खुबसूरती को
अपने चेहरे का नूर बना लिया है
चांद की चांदनी रात को
मैंने खुद से जोड़ लिया है
अपने सारे राज
चांद पर‌ ही छोड़ दिया है
उफ चांद की नजाकत
कभी कभी हमसे छिप जाता है
मेरा चांद मुझे अपने रोशनी में समेट लेता है
जितना कहु कम होगा
चांद की दोस्ती मुझसे न कम होगा
मैं तो देखती रहूंगी उसे
चाहें मेरी नींदें भी तंग होगा
ये पल्लवी की जुबानी हैं
मेरे प्यारे चांद की कहानी है
जो लिखती हैं सिर्फ
चांदनी रात की बातें
ये पल्लवी चांद की सबसे बड़ी दिवानी है
___पल्लवी......