वतन
लहू मेरा मेरी मीटी से मिलकर केसरी हो गया.....
हर कतरा मेरे जिस्म का तेरा कर्ज़दार हो गया.....
जिस मिटी पर जन्म लिया उस माँ कि गोद में खेला था.....
है सौभाग्य मेरा आज उसी माँ कि गोद में सो गया....
है अफ़सोस नहीं मेरे मरने का मेरा वतन सदा खुशहाल रहे......
जिस देश का मैने नमक खाया वो देश सदा खुशहाल रहे.....
हो पैदा कई सपूत यहाँ जो जान देने से ना डरे....
हो आवाम मेरी ऐसी जो तिरंगे पर गर्व करें....
मिले दुआ मेरे वतन को इतनी किसी कि नजर ना उठने पाए....
जो देखे इसे बुरी नजर से वो खाक में मिल जाये......
आबाद रहे यहाँ कि गालिया रोशन हर एक चिराग रहे
मै रहु या ना रहु मेरा देश सदा आबाद रहे....
© VISHAKHA
हर कतरा मेरे जिस्म का तेरा कर्ज़दार हो गया.....
जिस मिटी पर जन्म लिया उस माँ कि गोद में खेला था.....
है सौभाग्य मेरा आज उसी माँ कि गोद में सो गया....
है अफ़सोस नहीं मेरे मरने का मेरा वतन सदा खुशहाल रहे......
जिस देश का मैने नमक खाया वो देश सदा खुशहाल रहे.....
हो पैदा कई सपूत यहाँ जो जान देने से ना डरे....
हो आवाम मेरी ऐसी जो तिरंगे पर गर्व करें....
मिले दुआ मेरे वतन को इतनी किसी कि नजर ना उठने पाए....
जो देखे इसे बुरी नजर से वो खाक में मिल जाये......
आबाद रहे यहाँ कि गालिया रोशन हर एक चिराग रहे
मै रहु या ना रहु मेरा देश सदा आबाद रहे....
© VISHAKHA