...

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कृष्णा की मीरा बन बैठे हैं (दिल के टुकड़े जेबो में लिए बैठे हैं)
एक वक्त था जब मेरी हरकतों से उसका बीपी
बड़ जाता था
मेरी अनचाही करतूतों से उसका पारा चढ़ जाता था
बिन कुछ बोले उसकी आंखे सब कह जाती थी
बिन सोए उसकी यादों में मेरी राते कट जाती थी
मेरा मन उसके ख्यालों में डूबा रहता था
वो सिर्फ मेरी है मैं यही सबसे कहता था
एक वक्त था जब वो मेरा हाल पूछा करती थी
मुझसे नाराज़ होकर बीपी बड़ा लिया करती थीं
आज नया दौर है कि हम उसकी नजरो मे बेगाने
बन बैठे हैं
खुद के दिल के टुकड़े जेबो में लिए बैठे हैं
किसी की अनचाही बददुआ लिए बैठे हैं
ना जाने कब से कृष्णा की मीरा बन बैठे हैं।