खोई मन की शांति
मेरा शहर और मैं
यह कहानी हर उस परिंदे की,
इस कहानी के तुम भी कभी न कभी किरदार रहे होंगे,
हाँ , हो सकता है तुमने अपने मन को समझा लिया हो
पर कभी न कभी तुम भी इसके किरदार रहे होंगे |
खुशियों की चाहत ने हमे भी अपनी और खिंच लिया
मन में उत्सुकता थी नये शहर में आने की, ...