रहे न दो दिलो में दूरियाँ
रहें न दो दिलो में दूरियाँ आपस की रंजिशों,
को ,भूल देश को एकता के सूत्र में पिरोया जाए!
ना जाति-रंग का भेद सबकी रगों में बहता लहू समान,
इस लोकतंत्र राज्य को प्रेम के रंग में डूबोया जाए!
जो बरसों से बोईं थी, नफ़रत की बीज,उस एकांत,
कल्प वृक्ष में खुशियों के संचार को बढ़ाया जाए!
समय बलवान है जीवन के कटु...
को ,भूल देश को एकता के सूत्र में पिरोया जाए!
ना जाति-रंग का भेद सबकी रगों में बहता लहू समान,
इस लोकतंत्र राज्य को प्रेम के रंग में डूबोया जाए!
जो बरसों से बोईं थी, नफ़रत की बीज,उस एकांत,
कल्प वृक्ष में खुशियों के संचार को बढ़ाया जाए!
समय बलवान है जीवन के कटु...