गुज़ारिश
होश खोकर मेरे प्यार के आग़ोश में कभी आकर तो देखो
अपनी पलकों में फ़लक़ सा बेहिसाब ख़्वाब सजाकर तो देखो
ख़्वाहिशों, फरमाइशों से भरे एहसास को जताकर तो देखो
कितना खरा और भरा है प्यार मेरे मन में ज़रा आज़माकर तो देखो
तेरे नूर के आगे ये चाँद भी शर्माए कभी उसकी चाँदनी में नहाकर तो देखो
बेहद ख़ूबसूरत है तेरी ये...
अपनी पलकों में फ़लक़ सा बेहिसाब ख़्वाब सजाकर तो देखो
ख़्वाहिशों, फरमाइशों से भरे एहसास को जताकर तो देखो
कितना खरा और भरा है प्यार मेरे मन में ज़रा आज़माकर तो देखो
तेरे नूर के आगे ये चाँद भी शर्माए कभी उसकी चाँदनी में नहाकर तो देखो
बेहद ख़ूबसूरत है तेरी ये...