वो झूठी
@Pranil_Gamre
क्या मिला उसे मुझे इस तरह इतना तरसाकर
धोखा देती रही मुझे रोज झूठ बोलकर
खुश होती होगी मेरे दिल को चोट देकर
क्या मिला उसे मुझे अंधेरे में रखकर
मजा आता होगा मुझे बिखरा हुआ देखकर
जलाती हैं मुझे किसी और को गले से लगाकर
जिन आँखों में खुशी थी आज उन्हीं आँखों से आँसू बहते हैं
जब जब तेरी यादों के समंदर में वो खोने लग जाते हैं
तू मुस्कुराती रहे इसलिए क्या क्या नहीं किया मैंने
वाह रे तेरी फ़ितरत मेरे प्यार से ये सुलूक किया तूने
मेरे प्यार की तुझे जरा सी भी कदर ना थी
वरना यूँ मेरे सात फरेब ना कर पाती थी
दिल में मेरे लिए प्यार नहीं था तो बोल दिया होता
मेरा ये पागल दिल तेरे पीछे पीछे दौड़ के नहीं आता
जब प्यार ही ना था तो लूभाया क्यूँ करती थी
शायद जब जरूरत हो तब ईस्तमाल कर सकती थी
मैं बेवकूफ था जो तेरे लिए दोस्तों से झगडा करता था
फिर सोच ए बेवफा मैं तूझसे कितना प्यार करता था
© Pranil_Gamre
क्या मिला उसे मुझे इस तरह इतना तरसाकर
धोखा देती रही मुझे रोज झूठ बोलकर
खुश होती होगी मेरे दिल को चोट देकर
क्या मिला उसे मुझे अंधेरे में रखकर
मजा आता होगा मुझे बिखरा हुआ देखकर
जलाती हैं मुझे किसी और को गले से लगाकर
जिन आँखों में खुशी थी आज उन्हीं आँखों से आँसू बहते हैं
जब जब तेरी यादों के समंदर में वो खोने लग जाते हैं
तू मुस्कुराती रहे इसलिए क्या क्या नहीं किया मैंने
वाह रे तेरी फ़ितरत मेरे प्यार से ये सुलूक किया तूने
मेरे प्यार की तुझे जरा सी भी कदर ना थी
वरना यूँ मेरे सात फरेब ना कर पाती थी
दिल में मेरे लिए प्यार नहीं था तो बोल दिया होता
मेरा ये पागल दिल तेरे पीछे पीछे दौड़ के नहीं आता
जब प्यार ही ना था तो लूभाया क्यूँ करती थी
शायद जब जरूरत हो तब ईस्तमाल कर सकती थी
मैं बेवकूफ था जो तेरे लिए दोस्तों से झगडा करता था
फिर सोच ए बेवफा मैं तूझसे कितना प्यार करता था
© Pranil_Gamre
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