...

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पापा का घर
ब्याही जाती हैं बेटियां दूसरे घर में ।
चली जाती हैं बेटियां पापा के घर से ।।

जिस फूल के पौधे को अपनी स्नेह से
सींच कर बड़ा किया पापा ने ।
ले जाते हैं दूसरे अपनी आँगन महकाने के वास्ते ।।

ये सफ़र पापा के घर से कोई और घर तक नहीं
किसी और दुनिया में कदम रखना जैसा है ।

जहाँ पापा के राजकुमारी को रानी बनाने ले जाया ।
जाता है और उस की पहचान बदल जाती है ।।

वाक़ई पापा का घर बगिया होता है जहाँ तितलियों सा उड़ती हैं बेटियां ।।


Rima ✍️

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