...

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इश्क का रंग
ये इश्क का रंग हमपे चढने लगा हैं,
धिरे धिरे हम दोनो पास आने लगे हैं.

प्यार की बाते रंग लाने लगी हैं,
दिल की बात होने लगी हैं.

एक दुसरे को हम चाहने लगे हैं,
प्यार की खुशबू बाटने लगे हैं.

लुखा छिपी का खेल भी होने लगा हैं,
एक दुसरे का ख्याल भी होने लगा हैं.

एक दुसरे का मन जानने लगे हैं,
एक दुसरे की बाते मानने लगे हैं..!

-Sachin









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