...

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रिमझिम फुवार
मेघा बरसाएँ टप-टप पानी,
झाड बनगएँ दुल्हन रानी,
सबको मिली ग्रीष्म से राहत,
पहली बारिश से बनी फसलों की सेहत...

बारिश का जो मौसम आया,
धूप को बनाया इसने छाया,
बंजर जमीन हुई हरी-भरी,
ऐसी ये बूंदे चमत्कारी...

मोर ने पंख पसारा,
सुहाना हो गया हर एक नजारा,
चिडियाँ का वो किलबिलना,
और मधुर गीत में मन का बहलाना...

निसर्ग तो हैं जादूगर,
बदलता रहता हैं हर एक पल,
बहुत अच्छा संदेश वो देता हैं,
" यह वक़्त भी गुज़र जाएँगा " कहता हैं....

© Vanshika Kabra