कीचड़ का कमल
#जंजीर#जकड़न#उमश
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
साथ सबका छोड़कर।।
खता होगी माफ करना
जन्म है तो मृत्यु वर्ना
कर दिखाती कुछ न कुछ
हाथ दोनो जोड़कर।।
© All Rights Reserved
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
साथ सबका छोड़कर।।
खता होगी माफ करना
जन्म है तो मृत्यु वर्ना
कर दिखाती कुछ न कुछ
हाथ दोनो जोड़कर।।
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