...

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Nagmaye Prem
तेरे इस मुखड़े को मैं , चौदहवी का चाँद लिखू , तेरे होठो की लाली को मैं , सूर्ख लाल गुलाब लिखू !
तेरे इन काले जुल्फो को मैं , बलखाती नागिन की नाच लिखू , तेरे इस चंचल चित्वन को मैं , मद मस्त हिरनी की चाल लिखू !!
तेरे माथे की बिदिया को मैं , कोहीनूर का भाग लिखू , तेरे होठो के दो प्यालो को ,मैं माधुशाला का जाम लिखू...