ख्वाब-ए- उम्मीद
ठंडी हवाओ में ख्वाब-ए- उम्मीद देख भी लिया करो ,
पल दो पल के लिए ही सही सोए मुकद्दर को जगा लिया करो ।
क्या मिलेगा अंधेरो को कोसके ,
कभी होश में आओ तो उजालो का भी जहाँन देख लिया करो ।
# आशीष कुमार
पल दो पल के लिए ही सही सोए मुकद्दर को जगा लिया करो ।
क्या मिलेगा अंधेरो को कोसके ,
कभी होश में आओ तो उजालो का भी जहाँन देख लिया करो ।
# आशीष कुमार