मगर हम भी मोहब्बत से बाज़ न आएंगे...
वो रोज़ आते थे लेकिन आज नहीं आएंगे।
मैं बैठा हूं यहां तो मेरे सरताज़ नहीं आएंगे।।
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जानता हूं कि कुरेदगी मेरे ज़ख्म को दुनियां,
मगर मेरे लवों पे दिल के राज़ नहीं आएंगे।।
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आना होगा तो चुपके से आ जायेंगे मेरे घर,
वो मेरे दरवाजे पे...
मैं बैठा हूं यहां तो मेरे सरताज़ नहीं आएंगे।।
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जानता हूं कि कुरेदगी मेरे ज़ख्म को दुनियां,
मगर मेरे लवों पे दिल के राज़ नहीं आएंगे।।
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आना होगा तो चुपके से आ जायेंगे मेरे घर,
वो मेरे दरवाजे पे...