हूं बाखबर मैं!
( When the pure heart is hurt by cruel world)
फेंक कर आया हूं तमाम जज़्बात इक कोने में,
दिखता शय इसलिए पत्थरदिल सा बेअसर हूं,
वो कहते हैं, मैं ज़बान ए अश्क समझता नहीं,
वो क्या जानें मैं खुद बहते अश्कों का असर हूं,
मेरी बर्बादियों की वजह क्यों पूछते हो सनम,
बर्बादियों की इक वजह तो...
फेंक कर आया हूं तमाम जज़्बात इक कोने में,
दिखता शय इसलिए पत्थरदिल सा बेअसर हूं,
वो कहते हैं, मैं ज़बान ए अश्क समझता नहीं,
वो क्या जानें मैं खुद बहते अश्कों का असर हूं,
मेरी बर्बादियों की वजह क्यों पूछते हो सनम,
बर्बादियों की इक वजह तो...