...

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जिंदगी सब सिखाती है
जिंदगी सिखा देती है
तन्हाइयों में जीना
रख चहरे पर हल्की मुस्कान
अंदर ही अंदर गम को पीना

एक छोटी चिंगारी बता देती है
कैसे रिश्तों को जलाना
बनाने में लग जाए साल जिन्हे
उन्हे पल भर में मिटाना

खत्म हुए जंगल, खेत
खत्म हुआ दौर पक्षियों का आना
बंद कमरे की अब ठंडी हवा
खत्म हुए पेड़ अब खुली हवा का आना ।।

© मारवाड़ी