...

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बिखर गया
हांथ से छूटा प्याला
टूट कर बिखर गया
प्याला नहीं इश्क़ था
रूठ कर बिछड़ गया

हमने किया इकठ्ठा टुकड़ा
देख उनका उदास मुखड़ा
किया कोशिश जोड़ने को
एक पल ना साथ जुड़ता

मेरे हाथ रक्त रंजित
देख वो सिहर गया
हांथ से छूटा प्याला
टूट कर बिखर गया

पास आ बांहों में भर के
आंसूओं को थाम कर के
बोली - जो होना वो गया
भूल गई सब माफ कर के

मै गुस्साया खुद पर
इश्क़ मेरा बिफर गया
हांथ से छूटा प्याला
टूट कर बिखर गया

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