मजदूर
मज़दूर
जीवन में दिल के टुकड़े हुए
मौत में तन बिखर गया
तिनके जोड़ कर आशियाने बनाए
खुद अपना घर बिछड़ गया
रोटी की खातिर छूटा गांव
रोटी की खातिर तन छूट गया
मगर फिक्र नहीं ज़माने को
कुछ किसी का न लूट गया ।।
© NC
जीवन में दिल के टुकड़े हुए
मौत में तन बिखर गया
तिनके जोड़ कर आशियाने बनाए
खुद अपना घर बिछड़ गया
रोटी की खातिर छूटा गांव
रोटी की खातिर तन छूट गया
मगर फिक्र नहीं ज़माने को
कुछ किसी का न लूट गया ।।
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