नारायण की लीला
शंखनाद उठे, रण में हो शोर,
धर्म की गूंज, अधर्म का जोर।
मुरली की तान, रंगों की पहचान,
श्रीकृष्ण की माया, हर युग महान।
हरि बोल... हरि बोल... हरि बोल...
वासुदेव का नाम ले, बन जा अमोल।
शंख बजे, रण जगे, हरि नाम का नाद,
तेरे दर्शन से कट जाए हर विषाद।
मुरली बजाके तूने रच दी ये लीला,
धर्म का रक्षक, अधर्म का कबीला।
गोवर्धन उठाने वाला तू, शक्ति का स्रोत,
तेरे नाम से कांपे हर पापी की ओट।
राधे के संग तूने रचा प्रेम का खेल,
तेरी कृपा से जुड़ा हर जीवन...
धर्म की गूंज, अधर्म का जोर।
मुरली की तान, रंगों की पहचान,
श्रीकृष्ण की माया, हर युग महान।
हरि बोल... हरि बोल... हरि बोल...
वासुदेव का नाम ले, बन जा अमोल।
शंख बजे, रण जगे, हरि नाम का नाद,
तेरे दर्शन से कट जाए हर विषाद।
मुरली बजाके तूने रच दी ये लीला,
धर्म का रक्षक, अधर्म का कबीला।
गोवर्धन उठाने वाला तू, शक्ति का स्रोत,
तेरे नाम से कांपे हर पापी की ओट।
राधे के संग तूने रचा प्रेम का खेल,
तेरी कृपा से जुड़ा हर जीवन...