...

6 views

नजर का धोखा
यह उसका प्यार था या नज़र का धोखा था,
खुशबू-सा महकता कोई सपना अधूरा सा था।


उसकी बातों में थी वो मीठी सी मुस्कान,
या फिर छलकती आँखों में कोई गहरा राज़ छुपा था।

हाथों की लकीरों में देखा मैंने उसे ढूँढते हुए,
मगर किस्मत की रेखाओं में कहीं उसका नाम नहीं लिखा था।

धड़कनों की आवाज़ में था वो मधुर संगीत,
या फिर यह दिल ही झूठा था, जो हर धड़कन में उसे ढूँढ रहा था।

उसके हर वादे में था एक विश्वास,
या फिर यह मेरे मन का भ्रम था, जो उसे सच्चा मान बैठा था।

उसने तो प्यार का इजहार कर के
इस दिल को चुराया था और
पता नही कहा गया वो फिर

अब सोचती हूँ, वो हकीकत था या कोई सपना,
क्योंकि उसका प्यार था या फिर सिर्फ नज़र का धोखा था...!