उम्र
ए उम्र यू कह कहे ना लगा
मुझ पर
मैं वो ही हूँ
जो जवानी की दहलीज़
पर रख कदम तेरे पीछे
भागती चली आ रही हूँ
हुस्न जो बख्शा हैं खुदा ने
मुझको
उसको हर अदा से
संझो के चली आ रही हूँ
तू...
मुझ पर
मैं वो ही हूँ
जो जवानी की दहलीज़
पर रख कदम तेरे पीछे
भागती चली आ रही हूँ
हुस्न जो बख्शा हैं खुदा ने
मुझको
उसको हर अदा से
संझो के चली आ रही हूँ
तू...