आत्मविश्लेषण
अरे,रुक कुछ देर,ओ जानवरों में श्रेष्ठ
मत बोल किसी भाषा में।
मत चला हाथ कुछ पाने की अभिलाषा में।
कर आत्मविश्लेषण बन जा ज्येष्ठ
ओ मानव , जीवों में श्रेष्ठ ॥
जीवन तुझ में हैं, हैं औरों में भी।
फिर क्यों निर्जीवों सा व्यवहार करें औरों से।।
रोक हर...
मत बोल किसी भाषा में।
मत चला हाथ कुछ पाने की अभिलाषा में।
कर आत्मविश्लेषण बन जा ज्येष्ठ
ओ मानव , जीवों में श्रेष्ठ ॥
जीवन तुझ में हैं, हैं औरों में भी।
फिर क्यों निर्जीवों सा व्यवहार करें औरों से।।
रोक हर...