गुस्ताखी।
गुस्ताख मुझे कहने वाले
बस मैं यह कह लेता हूँ
अपने गिरेबां में झांकने का
क्या रब तेरा
कोई वक्त तुझे भी देता है।।
अशिष्ट मैं तुम कह लेते हो
बता तो देते
किस तरह अपमान तेरा किया
चुप सहने की कीमत देता हूँ
अभव्य...
बस मैं यह कह लेता हूँ
अपने गिरेबां में झांकने का
क्या रब तेरा
कोई वक्त तुझे भी देता है।।
अशिष्ट मैं तुम कह लेते हो
बता तो देते
किस तरह अपमान तेरा किया
चुप सहने की कीमत देता हूँ
अभव्य...