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दुनिया में रहना पड़ता है - 2
दुनिया में रहना पड़ता है
फिर सब कुछ सहना पड़ता है
भूले तो नहीं हैं उन को हम
पर ऐसा कहना पड़ता है
यादों में उनकी जीना ये है
फिर मरते रहना पड़ता है
दिलकश लौ हो तुम को क्या है
मज्ज़ूब को दहना पड़ता है
यादों की ठंडी गर्मी में
यूँ जलते रहना पड़ता है
इन सूखी आँखों में 'लेखक'
हाँ असलन बहना पड़ता है
© Lekhak Suyash
#lekhaksuyash
फिर सब कुछ सहना पड़ता है
भूले तो नहीं हैं उन को हम
पर ऐसा कहना पड़ता है
यादों में उनकी जीना ये है
फिर मरते रहना पड़ता है
दिलकश लौ हो तुम को क्या है
मज्ज़ूब को दहना पड़ता है
यादों की ठंडी गर्मी में
यूँ जलते रहना पड़ता है
इन सूखी आँखों में 'लेखक'
हाँ असलन बहना पड़ता है
© Lekhak Suyash
#lekhaksuyash
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