यादें
सिहर जाता हूं अक्सर और सोच के डर लगता हूं।
तुम्हारे बिन सूना-सूना ये शहर लगता है।
कभी फुर्सत में आओ और मेरे पास बैठो।
अकेले...
तुम्हारे बिन सूना-सूना ये शहर लगता है।
कभी फुर्सत में आओ और मेरे पास बैठो।
अकेले...