एक पंखुड़ी फूल की
@poem
एक पंखुड़ी फूल की
नाजुक सी इतराती सी
झूलती हवा के झूले पे लहराती लहराती सी,
एक पंखुड़ी फूल की।
खुशबू और खुशियों की बहार सी,
बदलो सी पल पल बदलती आकार सी,
नरम नरम मुस्कानों संग गाए मेघ मल्हार सी,
अंधियारे में रोशनी...
एक पंखुड़ी फूल की
नाजुक सी इतराती सी
झूलती हवा के झूले पे लहराती लहराती सी,
एक पंखुड़ी फूल की।
खुशबू और खुशियों की बहार सी,
बदलो सी पल पल बदलती आकार सी,
नरम नरम मुस्कानों संग गाए मेघ मल्हार सी,
अंधियारे में रोशनी...