अरदास
है मेरी इतनी सी इल्तिजा
तेरे कहें हर अल्फ़ाज़ पर
मैं ख़ुद को सिर्फ़ उतार दूँ
जो भी है ये बाक़ी
साँसों का काफ़ीला तन का
तेरे चरणों मे सिर्फ़ गुज़ार दूँ
मैं...
तेरे कहें हर अल्फ़ाज़ पर
मैं ख़ुद को सिर्फ़ उतार दूँ
जो भी है ये बाक़ी
साँसों का काफ़ीला तन का
तेरे चरणों मे सिर्फ़ गुज़ार दूँ
मैं...