MAA !!
एक बार मैँने खुदा से पूछा
हे खुदा जरा बता क्या है, तेरा वजूद
कैसे मैं मान लु तू है इस धरती पर मौजूद
खुदा ने कहा , कभी देखा है अपनी माँ का चेहरा
इसमें छिपा है एक राज़ गहरा
माँ, ममता कि है अनोखी मूर्ति
वास्तव में वह मेरी है अनुपम कीर्ति
मैंने तुम सबको दिया है एक प्यारा वरदान
कैसे कहू मैंने जिस्म से निकाल के दे दि है अपनी जान
माँ, वह तो मेरी ही...
हे खुदा जरा बता क्या है, तेरा वजूद
कैसे मैं मान लु तू है इस धरती पर मौजूद
खुदा ने कहा , कभी देखा है अपनी माँ का चेहरा
इसमें छिपा है एक राज़ गहरा
माँ, ममता कि है अनोखी मूर्ति
वास्तव में वह मेरी है अनुपम कीर्ति
मैंने तुम सबको दिया है एक प्यारा वरदान
कैसे कहू मैंने जिस्म से निकाल के दे दि है अपनी जान
माँ, वह तो मेरी ही...