ग़ज़ल...
जब देखा तुझको पहली दफा, मेरी तकदीर हुआ
पूजूँ एक तुझको शाम-ओ-सहर, तू मेरा पीर हुआ
मेरे दिल का कैनवस, जो कि खाली था अब तक
भरने है प्यार के रंग जिसमें, तू ऐसी तस्वीर हुआ
रह-रह कर...
पूजूँ एक तुझको शाम-ओ-सहर, तू मेरा पीर हुआ
मेरे दिल का कैनवस, जो कि खाली था अब तक
भरने है प्यार के रंग जिसमें, तू ऐसी तस्वीर हुआ
रह-रह कर...