...

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kbhi to mere pass aaya kr
खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो अगर तो भीग जाया कर...
चाँद लाकर कोई नहीं देगा तुझको,
तू खुद अपने चेहरे से ही जगमगाया कर...

काम ले कुछ अपने इन हसीन होंठो से,
बातों-बातों में ही खुलकर मुस्कुराया कर...
धूप मायूस सी लौट जाती है पूरे दिन,
छत पे किसी बहाने ही आया कर...

कौन कहता है दिल मिलाने को पगली,
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर...
मत डूबने दे अपनी झील से आंखों में,
मुझे कुछ जाम ही इन आँखों से पिलाया कर.. .

© Akash dey