...

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कही आज
कही आज किसी से मोहब्बत ना हो जाए,
उसकी इन लिखावटों से, जो किसी गली के समान तेडी - मेडी है,
कही आज किसी से मोहब्बत ना हो जाए,
उसके बोलने के लहज़े से,
हाये ! कोई भी फिदा हो जाए
कही आज किसी से मोहब्बत ना हो जाए,
उसकी आंखों से,
हाये ! जनाब, जाने कितने ही शायरो ने इन आंखों का दीदार किया है,
पर आज भी यही आंखे, हमारे मोहब्बत की वजह बन जाती है,
कही आज किसी से मोहब्बत ना हो जाए,
उनका खुशनुमा चेहरा, रेहम दिल देख इस दिल पे उनका नक्श छप गया
कही आज किसी से मोहब्बत ना हो जाए,
जैसे यह एक मृगतृष्णा हैं, और में यायावर , जहा में सांवरिया को खोजो
कही आज किसी से मोहब्बत ना हो जाए,
कहते कहते हमने ये इकरार किया कि हमे उससे मोहब्बत है।
- Feel through words
मृगतृष्णा-mirage
यायावर -nomad
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