एक रूह हु मैं,,,,
फकत एक जिस्म नहीं हूं मैं
एक रूह भी बसती है मेरे अंदर
काश तुमनेे गौर से देखा तो होता
कुरेद कर देखो मेरे जख्मों को
बस खून ही नहीं , अपवाद भी है
काश थोड़ा...
एक रूह भी बसती है मेरे अंदर
काश तुमनेे गौर से देखा तो होता
कुरेद कर देखो मेरे जख्मों को
बस खून ही नहीं , अपवाद भी है
काश थोड़ा...