...

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आज फिर तुम्हारी याद आई है
वो अनकही बाते जो तुमने नही बताई है,
आज उन्हे सोच कर होठों पर मुस्कुराहट आई है
किसे कैसे बताओ हाल अपना,
आज फिर अंधेरी रात आई है
आज फिर तुम्हारी याद आई है,

ये यादे दर्द और तन्हाई लाई है,
तुम्हे न पाने का मलाल साथ लाई है,
कैसे रुकेंगे आँसू अब मेरे,
आज फिर अंधेरी रात आई है,
आज फिर तुम्हारी याद आई है,

तेरी एक तस्वीर घर पर पाई है,
उसने ही ये उलझन बढाई है,
कैसे संभालो अब खुद को मैं,
आज फिर अंधेरी रात आई है
आज फिर तुम्हारी याद आई है,

कैसी हो तुम दिल मे ये बात आई है
फिर तुम्हे देखने की ख्वाहिश लाई है
कैसे समझाऊं इस दिल को,
आज फिर अंधेरी रात आई है
आज फिर तुम्हारी याद आई है,

तुम्हे याद करके ये आंख भर आई है,
भूलूंगा ना तुम्हे मैंने कसम उठाई है,
कैसे छुपाऊँ दर्द अपना,
आज फिर अंधेरी रात आई है
आज फिर तुम्हारी याद आई है
©Rohan Mishra (alfaaz_rohu_ke)
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© alfaaz_rohu_ke