...

10 views

हद से बेहद
दांव पर सब लगाकर देख लिए
हद से बेहद जाकर देख लिए,
ज़मीं आसमां एक कर देख लिए
हर सवाल का जवाब बन देख लिए।

हर इंतहा पर खड़े रहे डठकर
बेबसी में भी मुस्करा कर देख लिए
कुछ पाने का ख्वाब में हम
सब कुछ गंवा कर देख लिए।

टूटते सितारे को ताकते रहे
भरी बरसात में प्यासे रह देख लिए
किस दौर में आज खड़े हैं हम
सांसें चलते हुए बेजान जिस्म देख लिए।

अपने गुनाहों के देवता बन खुद
देवता औरों को बना देख लिए,
ऐ खुदा अब बक्स भी दे,
तेरे बंदों को तुझे दोषी बनाते देख लिए।