एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में श्रृजनिका कर्म की पोटली बनकर खेलिका कठपुतली कहलाई।।
यह एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त है,
जिसके दो महत्वपूर्ण विषय है -
मनु तथा स्त्री वो विषय है जिसने इस गाथा को कर्मपोशित कर कर्मकीपोटली बनया है जहां योनि की केवल गोख है जिसके कारण वो पुनर्जन्म गोखिका के में एक सौदामिन भी कहलाई गई थी।।
जिसने मां की योनि मिलने पर भी,
कुलछणी जिसके लक्षण ऐसे थे जिसने रोटी सजाने अपने अस्तित्व की आसीमता पर एक प्रश्न लागाया जिसमें उसने अर्थ के लिए अपने आप को गोखिका बनी सौदामिनी खलनायिका -अकाल मृत्यु का नाम लेकर उसने अपना सबकुछ लालच में अर्जित कर उसने बाबू की अर्थी एक कुछ शण बाद ही उनकी प्यारी को,
कर्म की पोटली बनाकर खेलिका कठपुतली बनाकर बाजार के रंगमंच पर बैठा दिया।।
एक वैश्या की डायरी के पन्ने ।।
वह कहती हैं मैं दुमार्गम हूं,
स्थाई ♥️व अस्थाई 💔
मेरे वास कहा है आईए आपको बताती हूं।।
तो आइए सुनिए और जानिए मेरा वास क्या है।।
मेरी चूबानी मेरी कथा सुनिए जनाब 🙏🪔
जो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाती,
वो असुध कहलाई वैशया कही गई है जो कालचकृ द्वारा दंडित होकर...
जिसके दो महत्वपूर्ण विषय है -
मनु तथा स्त्री वो विषय है जिसने इस गाथा को कर्मपोशित कर कर्मकीपोटली बनया है जहां योनि की केवल गोख है जिसके कारण वो पुनर्जन्म गोखिका के में एक सौदामिन भी कहलाई गई थी।।
जिसने मां की योनि मिलने पर भी,
कुलछणी जिसके लक्षण ऐसे थे जिसने रोटी सजाने अपने अस्तित्व की आसीमता पर एक प्रश्न लागाया जिसमें उसने अर्थ के लिए अपने आप को गोखिका बनी सौदामिनी खलनायिका -अकाल मृत्यु का नाम लेकर उसने अपना सबकुछ लालच में अर्जित कर उसने बाबू की अर्थी एक कुछ शण बाद ही उनकी प्यारी को,
कर्म की पोटली बनाकर खेलिका कठपुतली बनाकर बाजार के रंगमंच पर बैठा दिया।।
एक वैश्या की डायरी के पन्ने ।।
वह कहती हैं मैं दुमार्गम हूं,
स्थाई ♥️व अस्थाई 💔
मेरे वास कहा है आईए आपको बताती हूं।।
तो आइए सुनिए और जानिए मेरा वास क्या है।।
मेरी चूबानी मेरी कथा सुनिए जनाब 🙏🪔
जो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाती,
वो असुध कहलाई वैशया कही गई है जो कालचकृ द्वारा दंडित होकर...