...

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जुनून
जुनून

जान ना पाए
समझ ना पाई
वक्त की मांग क्या थी
क्या बन गई मैं
मैं क्या थी
मैं क्या हो गई आज
कुछ सपने को सच करने
निकल पड़ी एक नए सफर में
अपनो को छोड़
अपना सफ़र शुरू कर
अनोखा सा
जूनून ऐसा सवार हुआ
कि अब तक चल रही हू पता नहीं कब धूप से छाव मिलेगा पर ,
अब जब तक सफल न हो तब तक लौट न जाना है ।।

कैसा भी हो
कैसा भी बीते
यह कैसा भी आगे होगा
बस बढ़ते ही बढ़ते जाना है
अपना बढ़िया प्रयास करना है

एक जुनून लेकर आई हूं
और जुनून लेकर जाऊंगी
सभी में कुछ भर जाउंगी
ऐसा की याद करेगी मेरे जाने के बाद भी
तू मेरे...