...

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मैं और तू
मैं एक अधूरा लेख हूँ,
तू एक पूरी कविता है।

मैं कमीज पे लगा एक दाग हूँ,
तू एक बनारसी रेशम की साड़ी है।

मैं एक बंद दुकान हूँ,
तू एक शॉपिंग मॉल है।

मैं एक आसानी से भूल जाने वाला नाम हूं,
तू वो हर याद रखी जाने वाली आकर्षक चीज़ में है।
© Lakshya Singh

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