जीवन
एक तरफ़ व्यापारी तेरा ओ मन है
एक तरफ तनहा सा मेरा तन-मन है।
डुब ना जाऊं मैं तो इस तन्हाई में
खुला आसमां खुला ए मेरा जीवन है।
धन्य तेरी याद किया इस काफ़िर को
टुटे दर्पण में परख रहे होआखिर क्यों।
मधुर मधुर मुस्कान नहीं , ए मौसम है
पतझड़ के मौसम सा तेरा जीवन है।
एक तरफ़ व्यापारी तेरा ओ मन है
एक तरफ़ तनहा सा मेरा तन-मन है।
स्व रचना (अभिमन्यु)
एक तरफ तनहा सा मेरा तन-मन है।
डुब ना जाऊं मैं तो इस तन्हाई में
खुला आसमां खुला ए मेरा जीवन है।
धन्य तेरी याद किया इस काफ़िर को
टुटे दर्पण में परख रहे होआखिर क्यों।
मधुर मधुर मुस्कान नहीं , ए मौसम है
पतझड़ के मौसम सा तेरा जीवन है।
एक तरफ़ व्यापारी तेरा ओ मन है
एक तरफ़ तनहा सा मेरा तन-मन है।
स्व रचना (अभिमन्यु)