...

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निभा पाओगी क्या ?
तुम्हारी आँखों का जाम हो

मेरे मुताबिक सब काम हो

एक ऐसी ही हसीन शाम हो

और उस महफ़िल में जाना क्यों

जहा मोहब्बत का भी  दाम हो

और तम्हारा नाम मैंने छुपा रखा है सबसे

की अगर तुम ना निभा पाओ मेरे साथ

तो तम्हारा नाम यूँ बदनाम ना हो