...

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ओ फौजी बनकर आया था!!!!
अपना सबकुछ कुर्बान कर चुका
सबकुछ अपनों के नाम कर चुका


उड़ान खरीद कर तो दे दी सबको
पर किसको पता है अब भी यहाँ
ओ अपने पंख भी नीलाम कर चुका


कामिल नजरें चुस्त शरीर चौड़े सीने
नहीं ये सब ही काफी...