दुनिया
ये दुनिया बनाने वाले ने कितनी अजीब दुनिया बनाई है..
एक तरफ़ इंसान अपनी अनाह, अपने गुरूर की आड़ में कुछ न देखता है..
फिर वही लोग उस अनाह में इतना जिल्लत भरकर कीचड़ uchchalate हैं कि एक पल के लिए इंसान मर ही जाता है..
इंसान हमेशा अपना पहलू, अपना नजरिया देखता है..
सिक्का जब uchchalta है तब दोनों ही पक्ष...
एक तरफ़ इंसान अपनी अनाह, अपने गुरूर की आड़ में कुछ न देखता है..
फिर वही लोग उस अनाह में इतना जिल्लत भरकर कीचड़ uchchalate हैं कि एक पल के लिए इंसान मर ही जाता है..
इंसान हमेशा अपना पहलू, अपना नजरिया देखता है..
सिक्का जब uchchalta है तब दोनों ही पक्ष...