...

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वक्त न बिगड़
उसे एक दिन खोने के डर मै,
तू आज का अपना वक्त न बिगाड़,
आज का अपना पल न बिगाड़,
जी ले वो लम्हे सारे,
जो उसकी बाहों मैं गुजारे,
उससे एक दिन बिछड़ने के डर से,
तू अपना आज न बिगाड़ ।
जी ले ,जी भर के उसके साथ हर लम्हा हर पल
बना दे उसे अपनी यादगार लम्हों का अंश
एक दिन सबने छोड़ जाना है।
एक दिन अकेलापन हर इंसान ने पाना है
जब तक साथ है,
यादगार हर लम्हा बनना है,
बाद मैं उसे ही याद करके चेहरे पर मुस्कुराहट आना है।
उसे एक दिन खोने के डर मैं,
तू आज का अपना वक्त न बिगाड़।।
-UK(khushu)