...

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वृक्ष
ना काटो वृक्षों को बच्चों, ये सीख दिलाने आई हूं,
इनसे ही है जीवन सारा ये समझाने आई हूं।
वृक्षों से रहती धरती हरी है,
वृक्षों से ये नदियां भी भरी हैं।
वृक्ष न हों तो जंगल भी नहीं
वृक्षों पर रहते ये पक्षी कहीं।
कहां जाएंगे बंदर,चीते,शेर,
भालू ,हाथी, खरगोश ,बटेर।
ना रहेगा इनका बसेरा,
ये तुमसे मिलने आयेंगे,
भूख लगीं फिर इनको तो,
हमको ही कच्चा खाएंगे।
सोचा है बच्चों तुमने कभी
कैसे चलते दुनिया में सभी।
वृक्ष नहीं तो वर्षा नहीं,
नदियां,सागर,ताल नहीं।
खेत नहीं, खलियान नहीं,
पर्वत,पठार मैदान,नहीं।
वृक्षों ने ही तो इन्हें बांध रखा है,
मोटी जड़ों में थाम रखा है।
वृक्षों से है सबका जीवन,
क्यूंकि ये देते ऑक्सीजन।
हवा भी रहती शुद्ध हमेशा,
भू जल भी बने सुरक्षित।
वृक्षों से भोजन है मिलता,
मिलती इनसे औषधियां कितनी।
वृक्षों से निरोगी ये जीवन,
मन को मिलती शांति इतनी।
वृक्षों पर बंधते तुम्हारे झूले,
काठ की गुड़ियों से तुमने खेले,
वृक्षों की उपयोगिता अनेक यहां पर,
पालो ना तुम अब इनसे झमेले।
ना काटो इन वृक्षों को बच्चों,
ये बतलाने आई हूं।
वृक्ष नहीं तो हम भी नहीं ,
प्रगति नहीं यहां किसी की,
ये ज्ञान दिलाने आई हूं।

Glory❤️