...

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हार्दिक अभिन्दन
जिंदगी क़ो. आज मैंने.
पहला और....
अबतिम पैगम.
भेज दिया हैं
"ए जिंदगी..
सलाम हैं तेरे..
ज़्ज़बे क़ो
मुझे हर
मोड़ पर तूने संभाला
तेरा हार्दिक अभिनंदन "

धड़कता रहा दिन लेेकिन शाम होने तक वो
सिमट गया "
फिर मै सौ गया था रात के आगोश में सुबह होने तक