...

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कुछ तो था उसमे
जिदंगी मे आगे बढी तो दिवाने पन ने जकड लिया।

पता नही वो कया था मगर पागल जरूर कर लिया।

मै आज भी हु उसमे
कुछ तो था उसमे।

उसने मुझे जिना सिखा दिया
जिदंगी के हर रासते पर चलना सिखा दिया।

आज भी वो मेरे दिल मे
कुछ तो था उसमे।

हर खुशी मे उसकी खुशी ने पकड लिया ।
मेने उसके दिल मे अपना घर बना लिया।

आज भी मे उसकी महफिल मे
कुछ तो था उसमे।

मुझे उसकी हर महफिल मे हँसने का मन करता है।

नाजाने कयु हर दुख मे भी हँसने का मन करता है।

आज भी हु तेरे मे।
कुछ तो था उसमे।